Dhanbad illegal mining: धनबाद में भारत की कुछ सबसे बड़ी कोयला खदानें हैं और इसे भारत की कोयला राजधानी कहा जाता है। शहर 27.5 मिलियन टन के कुल उत्पादन के साथ लगभग 112 कोयला खदानों से घिरा हुआ है। इसी का फ़ायदा उठा रहें है कई कोयला माफिया। आये दिन अवैध रूप से कोयला खनन के दौरान हुए हादसे की खबरें आती रहती है, लेकिन भी कोयला माफिया सतर्क नहीं रहते है। बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर धनबाद में कोयला माफिया इतने बेख़ौफ़ क्यों हैं?, क्या इनको सिस्टम या कानून से कोई डर नहीं?
कैसे होती है अवैध खनन? (Dhanbad illegal mining)
आपको बता दें कि झारखंड के धनबाद में माफियाओं – अपराधियों और अधिकारियों का एक सिंडिकेट कोयला के अवैध कामों में संलिप्त है।सबका महीना बंधा हुआ है।होमगार्ड से लेकर सत्ता के शीर्ष तक, सबमें पैसा बाटता है। यह खुलासा, बाबूलाल मरांडी जी ने ट्विटर के जरिये किया। अर्थात, धनबाद अवैध खनन में सभी के तार जुटे हुए हैं। बाबूलाल मरांडी ने तंज कस्ते हुए कहा कि, “ईडी अपनी जांच का दायरा थोड़ा और बढ़ा लेगी तो बहुत दबे राज खुल सकते हैं।अंदरखाने यह भी बात चल रही है कि “साहब” की महा लूट का अंतिम पड़ाव कोयला और धनबाद ही बचा है।”