पुरुष हॉकी वर्ल्ड कप की ट्रॉफी रविवार को जमशेदपुर के बाद झारखंड की राजधानी रांची पहुंच गई है. यहां पहुंचने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस ट्रॉफी का अनावरण किया. उन्होंने इस मौके पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस ट्रॉफी को देश के कई राज्यों के कई शहरों में ले जाया जा रहा है, जहां खेल प्रेमी और आम जनता इसे देख रही है. हॉकी इंडिया की इस पहल से विश्व कप हॉकी प्रतियोगिता की ओर माहौल बनेगा। उन्होंने इस आयोजन के लिए हॉकी इंडिया के अधिकारियों और खिलाड़ियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
शनिवार को जमशेदपुर पहुंची थी ट्रॉफी
पुरुष हॉकी विश्व कप आगामी 13 जनवरी, 2023 से भुवनेश्वर और राउरकेला (ओडिशा) में शुरू हो रहा है। इससे पहले ट्रॉफी अपने देशव्यापी दौरे पर है। ट्रॉफी के जमशेदपुर पहुंचने के बाद टाटा खेल विभाग के मुकुल चौधरी ने बताया कि विश्व कप के लिए पूरे देश में माहौल तैयार किया जा रहा है. टाटा खेल विभाग ने इसका जोरदार स्वागत किया। मेजबान भारत पुरुष हॉकी विश्व कप के पहले दिन 13 जनवरी को राउरकेला में निचली रैंकिंग वाले स्पेन के खिलाफ अपना पहला मैच खेलेगा।
तीन अलग-अलग धातु से बनी है ट्रॉफी
हॉकी वर्ल्ड कप ट्रॉफी का इतिहास 51 साल पुराना है। इस ट्रॉफी का निर्माण पाकिस्तान में किया गया था। 27 मार्च 1971 को ब्रसेल्स (बेल्जियम) में पाकिस्तानी सेना के बशीर मोजिद ने ट्रॉफी डिजाइन की। इस ट्रॉफी में तीन अलग-अलग धातु हैं। ऊपरी भाग सोने का, मध्य भाग चांदी का और निचला भाग हाथी दांत का बना है। 1971 में पहली बार स्पेन में हॉकी विश्व कप का आयोजन किया गया था। इसमें 10 टीमों ने भाग लिया। पाकिस्तान ने मेजबान स्पेन को 1-0 से हराकर पहला हॉकी वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था। भारत को तीसरा स्थान मिला।